उत्‍तराखंड बस हादसा : अलकनंदा नदी में गिरी यात्रियों से भरी बस, राहत-बचाव कार्य जारी

उत्‍तराखंड बस हादसा : उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में 26 जून 2025 को दिल दहला देने वाला हादसा हुआ जब एक टेंपो‑ट्रैवलर बद्रीनाथ-हाइवे पर सड़क फिसलने से उफनती अलकनंदा नदी में जा गिरा । यह बस राजस्थान (उदयपुर/गोगुन्दा) से चारधाम यात्रा पर निकली श्रद्धालुओं को लेकर आ रही थी। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया और घायलों को हरसंभव मदद का भरोसा दिया

  • कुल सवारियां: लगभग 18–26 लोग इस बस में बताए जा रहे हैं।
  • ** मरने वालों की संख्या:** दो यात्रियों की मौत अबतक पुष्टि हुई ।
  • लापता/बचाए गए यात्री: 9 लोग लापता बताए जा रहे हैं; 8 सुरक्षित पाए गए

उत्‍तराखंड बस हादसा : स्थानीय प्रशासन का रेस्पॉन्स

  • राहत-बचाव कार्य: SDRF, पुलिस एवं स्थानीय प्रशासन बचाव कार्य में जुटे हुए हैं ।

क्या हो सकते हैं बड़े कारण?

  1. पहाड़ी रास्‍ते व मौसम
    बद्रीनाथ हाईवे पर लगातार बारिश और पथरीली सड़कों ने हादसे की चांस बढ़ा दिए
  2. ओवरलोडिंग
    बस में ओवरलोडिंग भी इसका एक प्रमुख कारण बताया जा रहा है। हो सकता है कि कानून को ताक पर रखकर ओवरलोडिंग से यह हादसा हुआ हो।
  3. सुरक्षा की कमी
    मार्ग पर क्रैश बॅरिएर की कमी, पहिया फिसलना और ड्राइविंग में ड्राइवर का झपकी लेना भी संभव कारण

उसके पहले का इतिहास – क्या कोई सबक मिलेगा?

  • जून 2024 का भीषण हादसा: जून 2024 में एक मिनी‑बस 660 फीट नीचे नदी में गिर गई थी। कम से कम 12–14 मौतें हुईं थी
  • ओवरलोडिंग और निगरानी की कमी: उस हादसे के बाद डीएम ने भारत सरकार की चेतावनी के बाद FIR दर्ज की थी कि बस की क्षमता सिर्फ 20 थी लेकिन उस पर 26 सवारियां थीं ।
  • क्रैश-बॅरिएर कमजोर: जांच रिपोर्ट में बताया गया था कि कनेक्टेड बाधाएं न होने के कारण वाहन नदी में गिरा ।

कहां से सुधार की गुंजाइश :

  • एडवांस रोड इंफ़्रास्ट्रक्चर: मजबूत गार्डर रेलिंग और मजबूत सड़क ।
  • ओवरलोडिंग रोकना: RTO को बसों की क्षमता के अनुसार मोनिटरिंग करनी चाहिए।
  • ड्राइवर शिक्षा: विशेष रूप से पहाड़ी मार्गों में व्यस्त या थके ड्राइवर्स रखने के नियम बनें।
  • मॉनिटरिंग और समयबद्ध निरीक्षण: नियमित निरीक्षण और पेन्सिव मॉनिटरिंग प्रणाली लागू हो।

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