” Shubhanshu shukla ने कहा – आपसे बात करते समय मुझे अपने पैर बांधकर रखना पड़ा” प्रधानमंत्री मोदी ने इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन में मौजूद शुभांशु शुक्‍ला से की बातचीत –

Shubhanshu shukla axiom 4 mission : 28 जून 2025 को शाम 6:30 बजे IST, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और Axiom‑4 मिशन के पायलट ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के बीच एक लाइव वीडियो कॉल हुआ। यह बातचीत भारत के लिए एक गर्व और प्रेरणा का पल था।

Shubhanshu shukla axiom 4 mission : Group Captain शुभांशु शुक्ला (nickname “Shux”) भारतीय वायुसेना के अनुभवी टेस्ट पायलट और ISRO के पहले “vyomanaut” में से एक हैं । 25 जून 2025 को उन्होंने Axiom‑4 (Ax‑4) मिशन के तहत SpaceX के Crew Dragon में बैठकर अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) की ओर प्रस्थान किया। राकेश शर्मा के 1984 के सोवियत मिशन के 41 साल बाद, शुभांशु शुक्ला ISS पहुंचने वाले पहले भारतीय बने । यह Axiom‑4 मिशन SpaceX, NASA, ISRO और Axiom Space की संयुक्‍त पहल है, जिसमें उन्होंने ISS पर भारतीय झंडा फहराया ।

प्रधानमंत्री से हुई बातचीत :

पीएम मोदी ने शुभांशु को कहा “आप भारत से सबसे दूर हो, लेकिन भारतीयों के दिलों में सबसे करीब हो” शुक्ला ने जवाब दिया कि यह यात्रा केवल उनकी नहीं बल्कि पूरे देश की है, और फ़िर से राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करने पर उन्हें गर्व है । शुभांशु ने बताया कि जब उन्होंने पहली बार ऑर्बिट से पृथ्वी और भारत को देखा तो “कोई बॉर्डर नहीं दिखता” और भारत “बहुत भव्य और बड़ा” नजर आया । ‘आपसे बात करते समय मुझे अपने पैर बांधकर रखना पड़ा’— यह एक मजाक था लेकिन सच बयान था, जिसमें उन्होंने बताया कि यहाँ “पानी पीना, सोना, कैमरा पकड़ने तक मुश्किल” हो जाती है, और माइक्रोग्रैविटी में ढलने में संतुलन खोने की समस्या होती है । शुभांशु ने अपने साथ “गाजर का हलवा, मूंग दाल का हलवा और आमरस” ले जाने की जानकारी दी, और बताया कि उन्होंने अपने साथियों को भारत के बेहतरीन स्‍वाद से परिचित कराया ।

प्रधानमंत्री ने बताया युवाओं के लिए प्रेरणादायी :

उसी समय पीएम मोदी ने खुशी जताते हुए कहा कि यह मिशन गगनयान के पहले अध्याय जैसा है । शुभांशु की यह यात्रा गगनयान मिशन की नींव रखती है । यह दर्शाती है कि भारत अब सिर्फ सपने नहीं देख रहा, बल्कि उन्हें पूरा करने के रास्ते पर मजबूती से अग्रसर है। मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि चंद्रयान-मिशन के बाद युवाओं में विज्ञान और अंतरिक्ष की रुचि बढ़ी है। अब शुक्ला की यह यात्रा “बच्चों को सिर्फ आसमान नहीं, बल्कि उस पार भी देखना सिखाएगी” । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बातचीत के माध्यम से शुभांशु शुक्ला की उपलब्धि को राष्ट्र के नाम कर दिया, जिसमें व्यक्तिगत और राष्ट्रीय गौरव का संतुलन बेहतरीन रूप में दिखा।

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