India vs England : “लीड्स टेस्ट में भारत की ऐतिहासिक हार ! भारत के नाम हुआ ये अनोखा रिकॉर्ड……

India vs England : 24 जून 2025 – ये तारीख भारतीय टेस्ट इतिहास में एक सदमे की तरह दर्ज हो गई। इंग्‍लैंण्‍ड और इंडिया के बीच खेले गए पहले टेस्‍ट मैच में इंग्‍लैण्‍ड ने टीम इंडिया को 5 विकेट की करारी शिकस्‍त दी।

India vs England : 24 जून 2025 – ये तारीख भारतीय टेस्ट इतिहास में एक सदमे की तरह दर्ज हो गई। लीड्स के मैदान पर इंग्लैंड ने वो कर दिखाया जिसकी उम्मीद शायद ही किसी ने की थी। 371 रनों का पहाड़ जैसा लक्ष्य, जो टेस्ट क्रिकेट में जीत के लिए चेज़ करना लगभग असंभव माना जाता है, उसे इंग्लैंड ने महज़ 5 विकेट गंवाकर हासिल कर लिया और इस जीत के साथ भारतीय क्रिकेट की रणनीति, मानसिकता और प्रदर्शन पर कई सवाल खड़े हो गए हैं।

बल्लेबाज़ों की चमक पर पड़ा बदनुमा धब्बा

टीम इंडिया ने पहले दो दिन तक मैच को अपने कब्ज़े में रखा। यशस्वी जइसवाल और शुभमन गिल ने शतक लगाए, केएल राहुल और पंत ने तेज़ तर्रार अर्धशतक जमाए लेकिन जैसे ही निचला क्रम आया, भारत की पहली पारी 427 पर सिमट गई। दूसरी पारी में भी कहानी वही रही। भारत ने 187 रनों की लीड के बावजूद, 184 रनों पर दूसरी पारी खत्म कर दी। 6 विकेट सिर्फ 77 रन पर गिरना, बताता है कि भारत के बल्लेबाज़ों ने दबाव में मानसिक संतुलन खो दिया।

गेंदबाज़ों की धार गई

पहली पारी में बुमराह ने 5 विकेट लेकर इंग्लैंड को 243 पर समेटा। सबको लगा कि मैच भारत की मुट्ठी में है लेकिन दूसरी पारी में गेंदबाज़ों का जादू जैसे खत्म हो गया। न तो जडेजा की स्पिन चली, न सिराज की गति काम आई। बुमराह थक चुके थे और कप्तान गिल विकल्प ढूंढते रह गए।डकेट और क्रॉली ने भारतीय गेंदबाज़ों की धज्जियाँ उड़ा दीं। पहली विकेट की साझेदारी 188 रनों की रही, जिसने भारत की जीत की उम्मीदों को शुरुआत में ही तोड़ दिया।

फील्डिंग बनी हार की असली वजह

मैच के निर्णायक मोड़ पर भारत की फील्डिंग पूरी तरह फिसल गई। यशस्वी जइसवाल ने अकेले चार कैच छोड़े – जिसमें डकेट का कैच भी शामिल था, जब वह सिर्फ 97 रन पर थे। उसी पारी में डकेट ने 149 रनों की पारी खेली और इंग्लैंड को जीत की दहलीज तक पहुँचा दिया।इसके अलावा स्लिप कॉर्नर में दो और कैच छूटे, जिससे भारतीय फैंस का दिल टूट गया। क्रिकेट सिर्फ बैट और बॉल का खेल नहीं, बल्कि पकड़ और मौके भुनाने का खेल भी है – जो भारत बुरी तरह हार गया।

कप्तानी और रणनीति सवालों के घेरे में

गिल की कप्तानी इस मैच में अनुभवहीन लगी। जब विकेट नहीं गिर रहे थे, तब फील्डिंग में बदलाव या गेंदबाज़ों की रोटेशन में कोई नयापन नहीं दिखा। रिव्यू का गलत इस्तेमाल और विकेटों के गिरने पर बल्लेबाज़ी क्रम में फेरबदल ना करना भारी पड़ा। टीम के कोच गौतम गंभीर और गिल दोनों पर अब उंगलियाँ उठ रही हैं – क्योंकि इतना बड़ा स्कोर डिफेंड न कर पाना सिर्फ खिलाड़ियों की गलती नहीं, रणनीति की भी हार है।

फैंस और पूर्व क्रिकेटरों का क्‍या है रिएक्शन – “ये हार नहीं, चेतावनी है!”पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने कहा – “ये हार टेस्ट क्रिकेट में भारत की गंभीर गिरावट की शुरुआत हो सकती है।”सोशल मीडिया पर फैंस ने लिखा – “इतना बड़ा स्कोर बना कर भी हारे? क्या वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का सपना वहीं खत्म हो गया?”

आगे क्‍या सुधारा जा सकता है ?

आगे बचे हुए मैंचों को जीतने के लिए आगे ड्रिल्‍स बढ़ाने होंगे, स्लिप कॉर्नर को मजबूत करना पड़ेगा । गेंदबाज़ी संतुलन को और भी मजबूत करना होगा और टीम में स्पिनर या ऑलराउंडर शामिल करना होगा जिससे टीम को संतुलन मिलें। कप्तानी निर्णय डिसीजन मेकिंग में सुधार किया जा सकता है। निचला क्रम टेल-एंडर्स की बल्लेबाज़ी में भी काफी सुधार की आवश्‍यकता है।

कब खेला जाएगा अगला टेस्ट – वापसी या और गहराई? अब सबकी निगाहें 2 जुलाई से शुरू हो रहे दूसरे टेस्ट पर हैं, जो एडगस्टन में खेला जाएगा। क्या भारत इस शर्मनाक हार से उबर पाएगा? या फिर यह सीरीज़ भारत के लिए बुरे सपने की शुरुआत है? लीड्स टेस्ट सिर्फ एक हार नहीं थी – यह एक आईना था, जिसमें भारतीय क्रिकेट को अपनी कमजोरियाँ साफ दिखाई दीं। अगर इन कमियों को दूर नहीं किया गया, तो आने वाले टेस्ट मैचों में यह हार “नॉर्मल” बन सकती है। टीम इंडिया को अब सिर्फ मैदान पर नहीं, मानसिक रूप से भी वापसी करनी होगी। वरना इतिहास सिर्फ याद नहीं करता – वह दोहराता भी है।

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