सावन का महीना : “सावन महीने की वो घटनाएं जिस वजह से होते हैं भगवान शिव अति प्रसन्‍न ? अगर मनाना है शिवजी को तो करें ये उपाय

सावन का महीना हमारे सनातन धर्म में सबसे पवित्र माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस महीने में जो भी मनोकामना मांगों वह अवश्‍य पूरी होती है। बस जरूरत है शिवजी की अराधना करने की । जानिए क्‍या हैं वो तरीके जिससे हम शिवजी को मनाकर के अपनी मनोकामनाओं की पूर्वि करवा सकते हैं –

सावन का महीना हिन्दू धर्म में विशेष आध्यात्मिक महत्व रखता है, और यह महीना पूरी तरह से भगवान शिव को समर्पित होता है। हम सब भक्त इस महीने में व्रत, उपवास, पूजा और रुद्राभिषेक जैसे विविध धार्मिक कार्य करते हैं जिससे हम भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्‍त कर सकें ।

हम सब के मन में लेकिन प्रश्न यह आता है कि आखिर सावन में ही शिव जी इतने प्रसन्न क्यों होते हैं ? इसके पीछे का क्‍या कारण है ?

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सावन महीना क्या है?

हिंदू पंचांग के अनुसार सावन (श्रावण) मास वर्षा ऋतु के मध्य में आता है और यह भगवान शिव का अत्‍यंत प्रिय महीना माना जाता है। यह महीना लगभग जुलाई से अगस्त के बीच आता है और इसमें विशेष रूप से सोमवार का व्रत रखने का प्रचलन है, जिसे “श्रावण सोमवार व्रत” कहा जाता है।

सावन में शिव पूजा का महत्‍व क्‍या है सावन और शिव जी का कनेक्‍शन ?

भगवान शिव और सावन महीने का गहरा पौराणिक और आध्यात्मिक संबंध है। इसके पीछे जो मुख्‍य कारण हैं वो हम आपको बताते हैं –

  1. समुद्र मंथन और विषपान की कथा:

सावन के महीने में ही देवताओं और असुरों द्वारा समुद्र मंथन हुआ था। इस मंथन से निकले विष (हालाहल) को जब कोई नहीं संभाल पाया, तब भगवान शिव ने पूरी सृष्टि की रक्षा के लिए उस विष को स्वयं पी लिया और उसे अपने कंठ में रोक लिया, जिससे वे नीलकंठ कहलाए।

इस त्याग और बलिदान की स्मृति में भक्त सावन में शिव जी का जलाभिषेक करते हैं ताकि उनके कंठ की ज्वाला को शीतल किया जा सके।

  1. पार्वती माता की तपस्या :

पौराणिक कथाओं के अनुसार, माता पार्वती ने सावन माह में कठोर तपस्या की थी ताकि भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त कर सकें। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर शिव जी ने उन्हें स्वीकार किया। इसलिए सावन के सोमवार को कन्याएं अच्छा वर पाने के लिए व्रत रखती हैं।

क्‍या पसंद आता है सावन में शिव जी को ?

भगवान शिव बहुत सहज और भोले देवता माने जाते हैं। उन्हें अधिक तामझाम नहीं चाहिए, बल्कि सच्ची भक्ति और श्रद्धा उन्हें प्रसन्न कर देती है। फिर भी सावन में कुछ विशेष उपाय और पूजा विधियाँ हैं जिनसे शिव जी को प्रसन्न किया जा सकता है:

  1. जलाभिषेक : सावन में शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, शहद, दही, घी और शुद्ध जल से अभिषेक करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। जल से अभिषेक करने से भगवान शिव का कंठ को बहुत शीतलता प्राप्‍त होती है और ऐसा करने से शिवजी अत्‍यंत प्रसन्‍न होते हैं और भक्‍त की हर इच्‍छा को पूर्ण करते हैं।
  2. बिल्व पत्र अर्पण : बेलपत्र भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। सावन में प्रतिदिन ताजे तीन पत्तों वाले बेलपत्र चढ़ाना बहुत शुभ माना जाता है।
  3. शिव चालीसा और महामृत्युंजय मंत्र का जाप : इस महीने में भगवान शिव के 108 नामों का जाप, रुद्राष्टक, शिव चालीसा और महामृत्युंजय मंत्र का नियमित जाप करने से विशेष लाभ मिलता है।
  4. सावन सोमवार व्रत : श्रद्धालु हर सोमवार को व्रत रखते हैं और भगवान शिव की पूजा करते हैं। कुंवारी कन्याएं यह व्रत अच्छा वर पाने के लिए रखती हैं।

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सावन शिव भक्ति : शिव जी को सावन में इन उपायों से भी कर सकते हैं आप प्रसन्‍न

  1. रोज सुबह स्नान करके शिवलिंग पर जल अर्पण करें।
  2. शुद्ध मन और वाणी रखें, क्रोध और द्वेष से बचें।
  3. शिव मंदिर जाएं और शिव तांडव स्तोत्र पढ़ें।
  4. सादा और सात्विक भोजन करें।
  5. सावन में हरे वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।

🧘 सावन में शिव भक्ति का आध्यात्मिक प्रभाव

  • मानसिक शांति और आत्मिक ऊर्जा में वृद्धि
  • नकारात्मकता से मुक्ति
  • वैवाहिक जीवन में सामंजस्‍य
  • मनोकामना पूर्ति और स्वास्थ्य लाभ
  • आध्यात्मिक उन्नति और मोक्ष की ओर बढ़ता मार्ग

निष्कर्ष:

सावन का महीना केवल एक धार्मिक पर्व ही नहीं, बल्कि आत्मा की शुद्धि और भक्ति का पर्व है। यह वह समय है जब भक्त शिव जी के चरणों में खुद को समर्पित करते हैं। सच्चे मन, श्रद्धा और आस्था के साथ की गई पूजा से भगवान शिव अवश्य प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को मनचाहा फल प्रदान करते हैं।

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