Army Dogs Breeds : सेना के डॉग्‍स भी करते हैं ब्‍लड डोनेशन ? इन कामों में उपयोग में लिया जाता है उनका ब्‍लड……..

Army Dogs Breeds : आपको जानकर हैरानी होगी कि सेना के डॉग्‍स भी इंसान के भांति ब्‍लड डोनेशन करते हैं । उनका ये ब्‍लड युद्ध और सर्च ऑपरेशन जैसी स्थितियों में बहुत काम में आता है।

Army Dogs Breeds : भारतीय सेना और अन्य सुरक्षा बलों में सेवा देने वाले कुत्तों के बारे में तो आप अच्‍छे से जानते ही होंगे। वो अपनी बहादुरी के लिए जाने जाते हैं और युद्ध के समय या किसी प्राकृतिक आपदा के समय एवं सर्च ऑपरेशनों में अहम भूमिका निभाते हैं। मगर इनके बलिदानों में एक महत्वपूर्ण पहलू अक्सर हम अनदेखा कर देते हैं वो है उनका रक्‍तदान। सेना के कुत्ते न केवल अपनी जान जोखिम में डालते हैं, बल्कि जरूरत पड़ने पर अपने साथी कुत्तों के जीवन को बचाने के लिए अपना रक्त भी दान करते हैं।

आर्मी डॉग्स रक्तदान क्यों करते हैं?

1. घायल या बीमार कुत्तों की जान बचाने के लिए

सेना के कुत्ते कई बार ऐसे मुश्किल और खतरनाक मिशनों पर तैनात रहते हैं, जहाँ उन्हें गोली लगने या विस्‍फोट होने से चोट लग जाती है । अपने साथी कुत्तों की जान बचाने के लिए तुरंत रक्त की जरूरत पड़ सकती है। ऐसे में ताज़ा रक्त ट्रांसफ्यूजन ही उनकी जान बचा सकता है।

2. वॉकिंग ब्लड बैंक की व्यवस्था

युद्धभूमि या रिमोट ऑपरेशन्स में ब्‍लड का स्टोर रखना हमेशा संभव नहीं होता। ऐसे में आर्मी यूनिट्स में स्वस्थ डॉग्स को ‘वॉकिंग ब्लड बैंक’ के तौर पर तैयार रखा जाता है, ताकि इमरजेंसी में तुरंत ब्‍लड ट्रांसफ्यूजन किया जा सके। इसी वजह से आमतौर पर एक ही टीम के डॉग्स एक-दूसरे के लिए ब्लड डोनेट करते हैं, जिससे इलाज के दौरान समय बर्बाद नहीं होता।

3. मेडिकल इमरजेंसी के लिए हमेशा तैयार

Army Dogs Breeds : हर समय यूनिट में कुछ डॉग्स को ब्लड डोनर के रूप में तैयार रखा जाता है। जब भी ऑपरेशन, सर्जरी या दुर्घटना के बाद ज़रूरत पड़ती है, उन्हीं स्वस्थ डॉग्स से रक्त लेकर तुरंत जरूरतमंद डॉग को चढ़ाया जाता है। ऐसे मामलों में इंसानों का ब्लड नहीं चढ़ाया जा सकता, क्योंकि कुत्तों की अपनी ब्लड ग्रुप प्रणाली होती है।

4. रखना पड़ता है हमेशा ताजा ब्‍लड

कुत्तों के ब्‍लड को लंबे समय तक संभाल कर रखना संभव नहीं। ब्‍लड अधिकतम 28 दिनों तक, जबकि ताजा प्लाज्मा करीब 1 साल तक इस्तेमाल हो सकता है। इसलिए समय-समय पर सेना की डॉग यूनिट्स में ब्लड डोनेशन करवाया जाता है, ताकि पर्याप्‍त स्टॉक बनाया जा सके।

5. पालतू कुत्‍तों और पशु चिकित्सालयों में भी आता है काम

कई बार सेना के डॉग्स का ब्‍लड पालतू कुत्तों या अन्य पशु अस्पतालों में जरूरतमंद डॉग्स को भी दान किया जाता है। इससे सेना का यह योगदान आम लोगों के पालतू जानवरों के लिए भी बहुत उपयोगी साबित होता है।

Army Dogs Breeds : क्‍या होती है ब्‍लड डोनेशन की प्रक्रिया ?

  • सेना के पशु स्‍पेशलिस्‍ट कुत्तों की नियमित स्वास्थ्य जांच करते हैं।
  • स्वस्थ्य और प्रामाणिक ब्लड ग्रुप वाले युवा डॉग्स को ही डोनर के रूप में चुना जाता है।
  • ब्‍लड डोनेशन की प्रक्रिया बिल्कुल साइंटिपिकली और सिक्‍योरड तरीके से होती है—एक डॉग से आमतौर पर करीब 450 मि.ली. ब्‍लड लिया जाता है।
  • रक्तदान कुत्तों के लिए दर्दनाक या नुकसानदेह नहीं होता, बल्कि यह उनके शरीर में भी नए रक्त कोशिकाओं का विकास भी करता है।
  • डोनेशन के बाद उन्हें पर्याप्त रेस्ट और भोजन दिया जाता है।

यह जिम्मेदारी क्यों है अलग?

  • आर्मी डॉग्स बिना किसी शिकायत या भय के निस्वार्थ भाव से रक्तदान करते हैं, जैसे वे अपने मिशन में समर्पित रहते हैं।
  • वे अपने साथियों की जान के लिए आगे बढ़कर त्याग करते हैं।
  • सैनिकों की भांति, डॉग्स के लिए भी टीम वर्क और भाईचारा सबसे ऊपर होता है।
  • इससे हम समझ सकते हैं कि —“जब भी जरूरत हो, आगे आओ और मदद करो।”

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